
Heat wave symptoms: गर्मी का मौसम हर गुजरते साल के साथ असहनीय होता जा रहा है। नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने 2023 की गर्मियों को पिछले 2000 वर्षों में सबसे भयानक बताया है। 2024 में भी झुलसाने वाली गर्मी पड़ सकती है.
ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है ताकि गर्मी से होने वाली मौत के मामलों को कम किया जा सके. आपको बता दें कि गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रेस सिंड्रोम का खतरा कई गुना बढ़ जाता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।
हीट स्ट्रेस सिंड्रोम क्या है?
मेयो क्लिनिक के अनुसार, यह शरीर के अत्यधिक गर्म होने के कारण होने वाली एक गंभीर स्थिति है। ऐसा तब होता है जब शरीर गर्मी को बाहर निकालने में असमर्थ होता है। इसमें शरीर का तापमान खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। ऐसे में अगर तुरंत इलाज न मिले तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
गर्मी से होने वाली बीमारियों के लक्षण
- बेहोशी की हालत
- मांसपेशियों में ऐंठन
- जी मिचलाना
- सिरदर्द
- बहुत ज़्यादा पसीना आना
- कमजोरी
- भ्रम
- तेज़ साँसें और दिल की धड़कन
- उल्टी करना
- उठने में कठिनाई
- शरीर का तापमान बढ़ना
ऐसे दें प्राथमिक उपचार
यदि बच्चे में उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखे तो उसे तुरंत प्राथमिक उपचार दें। इसके लिए सबसे पहले उसे छाया में ले आएं, उसके कपड़े ढीले कर दें, बच्चे को लिटा दें और उसके पैरों के नीचे तकिया रख दें। फिर हवा का प्रवाह बढ़ाने के लिए उसे पंखा करें, गीले कपड़े से पोंछें और बीच-बीच में उसे तरल पदार्थ भी पीने को दें। अगर बच्चा बेहोश है तो उसे कुछ भी न खिलाएं और न ही पिलाएं।
रोकथाम के लिए ये उपाय जरूरी हैं
हीट स्ट्रेस सिंड्रोम से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखें, ध्यान रखें कि जब भी घर से बाहर निकलें तो सिर और मुंह को कपड़े से ढककर रखें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चा धूप में न खेले और थोड़ी देर के लिए भी बच्चे को कार में बंद न करें।